गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017

इश्क़

पने दिल को जला कर ख्वाब पालते देखा है,
ये इश्क़ की बिसाद है,
यहाँ मैंने खुदा बदलते देखा है;

मुशाफिर जो इश्क़ के नक्से पर जाता है,
वो छाता लेकर तो जाता है,
मगर भीग जाता है;

सच है की उसे  बारिश में देखना अच्छा लगता है,
बीमार है, मगर कहता है,
मुझे भीगना अच्छा लगता है;

समां को किसी बहाने से छूना अच्छा लगता है,
पर पतंगा जल के कहता है,
मुझे जलना अच्छा लगता है;

किस तलवार पर मुनासिब है मेरी गर्दन बता दो,
इश्क़ करना गुनाह है तो मुझे सजा दो,
यूँ मरने की ख्वाइश आशिक तमाम रखता है;

दोस्त इश्क़ यारियाँ नहीं रखता,
गुलाम रखता है;

13 टिप्‍पणियां:

  1. "Yeah Ishq ki bisad hai, yahan Maine khuda badalte dekha hai"
    Sahi farmaya hai janaab

    जवाब देंहटाएं