गुरुवार, 3 मई 2018

इन्हें रहने दो।

ये बांते जरूरी है 
इन्हें रहने दो;
ये कहानी अधूरी रहने दो|

मुनासिब शब्द मिलते कहां हैं
इश्क़ लिखने को;
ये ईश्वर की कहानी है
इसे रहने दो|

मेरी भवनाओं की श्याही से
खुद को लिखा है मैने;
शब्द शब्द एक कहानी है
इन्हें रहने दो|

यकीनन मेरी नफ़रत 
तुझसे मोहब्बत की निशानी है;
पर ये खुदगर्ज़ नही है तेरी तरह
इसे रहने दो|


शनिवार, 21 अप्रैल 2018

शब्द

ब्द-शब्द की बात बतायें,
     शब्द कहें और शब्द सुनायें,
          शब्द प्रेम है, शब्द ही नफरत,
               शब्द की महिमा शब्द ही गायें।

शब्द झुकें तो विनय करायें,
      शब्द रूठे तो अलग करायें,
            शब्द लड़े और शब्द लड़ायें, 
                  शब्द बिगड़े तो अपशब्द कहायें।

शब्द ब्रह्म है, मर्यादा है,
     शब्द पूर्ण है पर आधा है,
           जिस शब्द में भाव नहीं है,
                  वो शब्द तो हैं पर जीवित नहीं है।।

आशिफ़ा

ये वक़्त बड़ा निर्बल आया;
        ये वक़्त जो आदमख़ोर हुआ,

बहनों का रक्षा बंधन,
       इस भांति जो कमजोर हुआ,

जिस माँ ने ममता देकर के,
      क्षीर पिला कर पाला था,

अपने संस्करों के साँचे में
       मूरत सा जो ढाला था,

जिस बहन ने राखी बाँधी थी,
       स्वरक्षा का वचन जो माँगा था

एक बहन पर जो दृष्टि डाली,
       उस वचन का वध तुम कर आये,

उस माँ के संस्कारों को,
      पल भर में गाली दे आये,

उस क्षीर ऋण से जो तुम,
      बस सेवा से मुक्ति पा सकते थे

उसको दूषित करके जो
     अक्षम्य पाप तुम कर आये,

तुम याद करो वो चीर हरण
     जो दुर्योधन ने कर डाला था,

समग्र समाज मे विष भरकर
     सर्वनाश का बीज बो डाला था,

जो पांचाली का वस्त्र छुआ,
     तो युद्ध इतना घनघोर हुआ

समृद्ध और सामर्थ दुर्योधन का
     बस अट्ठारह दिन में क्षीण हुआ,

ये राजनीति का कल छल तेरा
    कब तक आवरण बनाएगा,

ये पल भर का धुँधलापन है,
    ये कबतक रक्षण कर पाएगा,

तेरे सर्वनाश की खातिर भी,
    अवश्य कोई अर्जुन आएगा।।

शुक्रवार, 30 मार्च 2018

बस इतनी सी बात है।

तेरे यारो में सबसे जरूरी रहू मैं
बस इतनी सी बात है,
मुझे देख कर मुस्कराये तू
बस इतनी सी बात है
जिससे मिल कर सुकून मिले तुझे
मैं बस वैसा होना चाहता हूं,
तेरी आखरी ख्वाहिश बनु मैं
बस इतनी सी बात है
तेरी जिंदगी का एक खास पन्ना
तेरे वक़्त में एक खूबसूरत वक़्त बनू,
तेरा साथ हासिल हो मुझे या ना हो
रहू तेरे यादों में जिंदा बस इतनी सी बात है
कोई प्यार नहीं तुझसे
कोई अधिकार नहीं तुझपर,
तेरे बिना थोड़ी मुश्किल होती है
बस इतनी सी बात है।।
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