शब्द-शब्द की बात बतायें,
शब्द कहें और शब्द सुनायें,
शब्द प्रेम है, शब्द ही नफरत,
शब्द की महिमा शब्द ही गायें।
शब्द झुकें तो विनय करायें,
शब्द रूठे तो अलग करायें,
शब्द लड़े और शब्द लड़ायें,
शब्द बिगड़े तो अपशब्द कहायें।
शब्द ब्रह्म है, मर्यादा है,
शब्द पूर्ण है पर आधा है,
जिस शब्द में भाव नहीं है,
वो शब्द तो हैं पर जीवित नहीं है।।
शब्द कहें और शब्द सुनायें,
शब्द प्रेम है, शब्द ही नफरत,
शब्द की महिमा शब्द ही गायें।
शब्द झुकें तो विनय करायें,
शब्द रूठे तो अलग करायें,
शब्द लड़े और शब्द लड़ायें,
शब्द बिगड़े तो अपशब्द कहायें।
शब्द ब्रह्म है, मर्यादा है,
शब्द पूर्ण है पर आधा है,
जिस शब्द में भाव नहीं है,
वो शब्द तो हैं पर जीवित नहीं है।।
Well written 👍
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएंअच्छी कविता
जवाब देंहटाएंमै भी एक ब्लोगर हूं
नया हूं
मेरा ब्लॉग एड्रेस है myjxn.blogspot.com
Thank you
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