ये वक़्त बड़ा निर्बल आया;
ये वक़्त जो आदमख़ोर हुआ,
बहनों का रक्षा बंधन,
इस भांति जो कमजोर हुआ,
जिस माँ ने ममता देकर के,
क्षीर पिला कर पाला था,
अपने संस्करों के साँचे में
मूरत सा जो ढाला था,
जिस बहन ने राखी बाँधी थी,
स्वरक्षा का वचन जो माँगा था
एक बहन पर जो दृष्टि डाली,
उस वचन का वध तुम कर आये,
उस माँ के संस्कारों को,
पल भर में गाली दे आये,
उस क्षीर ऋण से जो तुम,
बस सेवा से मुक्ति पा सकते थे
उसको दूषित करके जो
अक्षम्य पाप तुम कर आये,
तुम याद करो वो चीर हरण
जो दुर्योधन ने कर डाला था,
समग्र समाज मे विष भरकर
सर्वनाश का बीज बो डाला था,
जो पांचाली का वस्त्र छुआ,
तो युद्ध इतना घनघोर हुआ
समृद्ध और सामर्थ दुर्योधन का
बस अट्ठारह दिन में क्षीण हुआ,
ये राजनीति का कल छल तेरा
कब तक आवरण बनाएगा,
ये पल भर का धुँधलापन है,
ये कबतक रक्षण कर पाएगा,
तेरे सर्वनाश की खातिर भी,
अवश्य कोई अर्जुन आएगा।।
ये वक़्त जो आदमख़ोर हुआ,
बहनों का रक्षा बंधन,
इस भांति जो कमजोर हुआ,
जिस माँ ने ममता देकर के,
क्षीर पिला कर पाला था,
अपने संस्करों के साँचे में
मूरत सा जो ढाला था,
जिस बहन ने राखी बाँधी थी,
स्वरक्षा का वचन जो माँगा था
एक बहन पर जो दृष्टि डाली,
उस वचन का वध तुम कर आये,
उस माँ के संस्कारों को,
पल भर में गाली दे आये,
उस क्षीर ऋण से जो तुम,
बस सेवा से मुक्ति पा सकते थे
उसको दूषित करके जो
अक्षम्य पाप तुम कर आये,
तुम याद करो वो चीर हरण
जो दुर्योधन ने कर डाला था,
समग्र समाज मे विष भरकर
सर्वनाश का बीज बो डाला था,
जो पांचाली का वस्त्र छुआ,
तो युद्ध इतना घनघोर हुआ
समृद्ध और सामर्थ दुर्योधन का
बस अट्ठारह दिन में क्षीण हुआ,
ये राजनीति का कल छल तेरा
कब तक आवरण बनाएगा,
ये पल भर का धुँधलापन है,
ये कबतक रक्षण कर पाएगा,
तेरे सर्वनाश की खातिर भी,
अवश्य कोई अर्जुन आएगा।।
Bahut badhiya lines h bhai sab....Bahut accha likhe...
जवाब देंहटाएंThanks bhai
जवाब देंहटाएं👌👌
जवाब देंहटाएंWaaah bhut khoob
जवाब देंहटाएंThank you
जवाब देंहटाएंGood poem
जवाब देंहटाएंYou write your poems by heart
I also wrote some poems in Hindi
My blog address is myjxn.blogspot.com
Thank you and I'll visit your blog surely
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