मेरी कलम से || meri kalam se..
बुधवार, 15 फ़रवरी 2017
हुस्न
यूँ
तो मेरे एहसास किसी अल्फाज के मोहताज नहीं,
बंद कमरे ली सिसकियां भी मीलो सफ़र करती है,
फिर भी आया हूँ तेरे शहर तुझसे मिलने,
सुना है, तेरे हुस्न के आगे रौशनी, अंधेरो में गुजर करती है;.....
4 टिप्पणियां:
Healthy#Food#Lover
15 फ़रवरी 2017 को 9:34 pm बजे
Waah waah .....Nice 👍
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MOHIT SINGH
15 फ़रवरी 2017 को 9:35 pm बजे
thank you
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Unknown
16 फ़रवरी 2017 को 9:20 pm बजे
nice lines 😊👍
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MOHIT SINGH
16 फ़रवरी 2017 को 10:44 pm बजे
dhnyawad
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Waah waah .....Nice 👍
जवाब देंहटाएंthank you
जवाब देंहटाएंnice lines 😊👍
जवाब देंहटाएंdhnyawad
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