हर गम को अमानत समझ कर समेट रखा है,
इस चेहरे पर ख़ुशियों का नकाब लपेट रखा है,
मत देख मेरी आँखों में यूँ,
ये छलक जाएंगी,
अश्को का इन्होंने,
एक समंदर सोख रखा है,
मेरे जनाज़े पर मत रोना,
मैं ना रहू तो क्या,
तेरी खुशियों की खातिर मैंने,
खुद को ही बेच रखा है;
Wah wah! Wah wah!
जवाब देंहटाएंBahut khoob mohu....
जवाब देंहटाएंThanks bhai
हटाएंKya baat h....wah wah...
जवाब देंहटाएंThanks bhai
हटाएंGajab bhai..
जवाब देंहटाएंThanks bhai
हटाएंJabar
जवाब देंहटाएंThanks arpit
हटाएंaur kitni tarif krwayega apni... words km pad rhe ab to.. 😜😂 btw ek no. 👌😊
जवाब देंहटाएं😁😁Thanks sonal
हटाएं🙏 अच्छा है।
जवाब देंहटाएंThanks bhai
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