चाह कर उसे कुछ पल के लिए,
रख दिया दिल निकाल कर उम्र भर के लिए,
आँखे तो चाहती हैं, तुझे ताउम्र खोजना
जिद कहती है, ना पलट के देखना एक पल के लिए,
हर रास्ते में दिखता है, एक नया रास्ता
पर मन चाहता हैं मुड़ना बस तेरे घर के लिए,
करूँगा नफरत तुझें बयां उस दिन
जब करेगी फोन कभी तू माजरत के लिए!!
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