पिता! पिता इस जीवन का मालिक है,
तुममें दर्द है, तो पिता मरहम है,
तुम परिणाम हो, तो पिता श्रम है,
तुम पथिक हो, तो पिता छाव है,
तुम बेघर हो, तो पिता गांव है,
तुम प्यासे हो, तो पिता जल है,
तुम जीवित हो, तो पिता बल है,
पिता का कर्जदार धरती का हर जीव है,
तुम ऊंचाई हो, तो पिता नींव है,
पिता की डाँट आशीर्वाद है,
बिना डाँट के तो जीवन बर्बाद है,
पिता पत्थर नहीं पिता मोम है,
पिता शोर नहीं पिता ॐ है,
पिता का स्मरण मन का ओमकार है,
पिता की इच्छा जीवन का आधार है,
पिता की संतुष्टि मन की शांति होती है,
बिना पिता के जीवन क्रांति है,
बिना पिता के जीवन का कहाँ सार है,
पिता असंतुष्ट है तो जीना बेकार है ||
तुममें दर्द है, तो पिता मरहम है,
तुम परिणाम हो, तो पिता श्रम है,
तुम पथिक हो, तो पिता छाव है,
तुम बेघर हो, तो पिता गांव है,
तुम प्यासे हो, तो पिता जल है,
तुम जीवित हो, तो पिता बल है,
पिता का कर्जदार धरती का हर जीव है,
तुम ऊंचाई हो, तो पिता नींव है,
पिता की डाँट आशीर्वाद है,
बिना डाँट के तो जीवन बर्बाद है,
पिता पत्थर नहीं पिता मोम है,
पिता शोर नहीं पिता ॐ है,
पिता का स्मरण मन का ओमकार है,
पिता की इच्छा जीवन का आधार है,
पिता की संतुष्टि मन की शांति होती है,
बिना पिता के जीवन क्रांति है,
बिना पिता के जीवन का कहाँ सार है,
पिता असंतुष्ट है तो जीना बेकार है ||
Well expressed 😊👍
जवाब देंहटाएंsuperrr duperr osum... perfect poem on fathers... great job mohit! keep it up👍👍👌👌😍
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंVery nice 👌👌
जवाब देंहटाएंthanks @sweta sinha
हटाएंNice 👍
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